मूल शब्दावली
हैंस क्रिश्चियन एंडरसन की एक छोटी कहानी। यह एक डेज़ी फूल और एक भरत पक्षी (लार्क) से संबंधित है। फूल और पक्षी दोनों ही अपने प्राकृतिक परिवेश में पनपते हैं।
हैंस क्रिश्चियन एंडरसन की एक छोटी कहानी। यह एक डेज़ी फूल और एक भरत पक्षी (लार्क) से संबंधित है। फूल और पक्षी दोनों ही अपने प्राकृतिक परिवेश में पनपते हैं।
अगली सुबह, डेज़ी ने एक बार फिर से अपनी कोमल पँखुड़ियों को, नन्हीं-नन्हीं बाहों की तरह हवा और रोशनी की तरफ़ फैलाया। अचानक डेज़ी ने चिड़िया की आवाज़ पहचान ली, लेकिन आज जो वह गा रही थी, वह उदासी का गीत लग रहा था। निश्चित रूप से उस बेचारी चिड़िया के पास ऐसा उदासी का गीत गाने का कारण था। उसे पकड़ लिया गया था और पिंजरे में बंद कर दिया गया था।
वह उन दिनों को याद करके गा रही थी, जब वह ताज़ा मकई के खेतों में ख़ुशी से चारों तरफ़ उड़ सकती थी। वह उन दिनों को भी याद करके गा रही थी, जब वह ऊपर उड़कर लगभग बादलों तक जा सकती थी। वह बेचारी लार्क चिड़िया ठीक उसी तरह से दुखी थी, जैसे पिंजरे में बंद कोई कैदी होता है। नन्हा डेज़ी बहुत चाहता था कि किसी तरह चिड़िया की मदद करे, लेकिन वह भला क्या कर सकता था! निश्चित रूप से, एक नन्हें फूल के लिए यह पता करना बहुत मुश्किल था।
वह पूरी तरह से भूल गया था कि उसके आसपास की चीज़ें कितनी ख़ूबसूरत हैं। वह भूल गया कि सूरज कितनी गरमाहट के साथ चमक रहा है, और उसकी खुद की पँखुड़ियाँ कितनी भव्य रूप से सफ़ेद हैं। वह केवल उस बेचारी बंदी चिड़िया के बारे में सोच सकता था, जिसके लिए वह कुछ भी नहीं कर सकता था।
इतने में दो लड़के बगीचे में आए; उनमें से एक के पास लंबा धारदार चाकू था, वैसा ही जैसा कि उस लड़की के पास था जो ट्यूलिप काटने के लिए आई थी। वे सीधे डेज़ी की तरफ़ आए, जो यह नहीं समझ पाया कि वे क्या चाहते हैं।