मूल शब्दावली
लेखक महान हंस क्रिस्चियन एंडरसन की अँगूठी की क्लासिकल कहानी।
लेखक महान हंस क्रिस्चियन एंडरसन की अँगूठी की क्लासिकल कहानी।
एक बार की बात है... एक औरत थी जिसका कोई बच्चा नहीं था। उसका सपना था कि उसकी एक छोटी बेटी हो, लेकिन समय गुजरता गया और उसका सपना सच नहीं हुआ।
तब वह एक जादूगरनी के पास गई जिसने उसकी पूरी बात सुनकर उसे जौ का एक दाना दिया। उस औरत ने वह दाना फूलों के एक गमले में बो दिया। और अगले ही दिन उस दाने में से एक पौधा निकल आया जिस पर एक बहुत सुंदर अधखिला फूल था, जो गुलाब के जैसा था। उस औरत ने कोमलता से उस फूल की पंखुड़ियों को चूम लिया। और मानों कोई जादू हो गया हो, वह फूल पूरा खिल उठा। उस फूल के अंदर एक छोटी-सी लड़की थी जिसका आकार अँगूठे से बड़ा नहीं था। उस लड़की को देखकर उस औरत ने उसे नाम दिया, अँगूठी। उसके बिस्तर के रूप में वहाँ अखरोट का छिलका था, जामुनी मखमली पंखुड़ी उसका गद्दा बना और गुलाब की पंखुड़ी उसका कंबल थी। दिन के समय में वह गुलाब की नौका पर बैठकर खेलती थी और नौकाविहार का आनंद लेती थी। घोड़े के दो बालों का लगाम की तरह इस्तेमाल करके अँगूठी अपनी नन्ही-सी झील में विहार करती थी, गाती थी, और बहुत सुंदर मधुर आवाज में गुनगुनाती रहती थी।