मूल शब्दावली
एच.जी. वेल्स की एक आदमी के बारे में कहानी, जिसे अपनी माँ से नया सूट मिलता है।
एच.जी. वेल्स की एक आदमी के बारे में कहानी, जिसे अपनी माँ से नया सूट मिलता है।
उसके प्यारे सूट का एक बटन भी ढीला नहीं हुआ था, एक टांका भी हिला न था। वह चुपचाप, तेज़ी से सूट पहनते हुए इतना ख़ुश महसूस कर रहा था कि लगता था आंसू छलक पड़ेंगे। फिर वह उसी तेज़ी से लौटा और खिड़की से बाहर बाग़ीचे को देखने लगा। वह कुछ देर वहीं खड़ा रहा, चांद की रोशनी में चमचमाता, सितारों-से चमकते अपने बटनों से सजा हुआ। फिर वह खिड़की की चौखट पर चढ़ा और नीचे बाग़ीचे की ओर जाती पगडंडी पर उतरा, अपने कदमों की आहट किए बिना। वह अपनी मां के घर के सामने खड़ा था। घर सफेद रंग का था और लगभग दिन जैसा ही साफ दिख रहा था। घर की सारी खिड़किया – उसकी खिड़की को छोड़ कर – मुंदी आंखों की तरह बंद थीं। पेड़ों की काली छायाएं सफेद दीवारों पर नक्काशी कर रही थीं।
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