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मध्य पूर्व की लोक कथा, अलादीन के एक संस्करण के क्लासिकल चरित्र का दूसरा भाग।
मध्य पूर्व की लोक कथा, अलादीन के एक संस्करण के क्लासिकल चरित्र का दूसरा भाग।
अलादीन की माँ उदास होकर घर लौट गई। चिराग के जिन्न ने इससे पहले बहुत कारनामें किए थे, लेकिन उनमें से कोई भी इसके बराबर नहीं था। लेकिन जब अलादीन ने यह ख़बर सुनी तो उसे बिल्कुल भी परेशानी नहीं हुई। उसने अपना चिराग उठाया और उसे इतनी ज़ोर से रगड़ा जितना उसने पहले कभी नहीं रगड़ा था और जब फिर से जिन्न प्रकट हुआ तो उसने उसे अपनी ज़रूरत बता दी। जिन्न ने बस तीन बार ताली बजाई। इसके तुरंत बाद जादुई ढंग से 40 दास प्रकट हुए, जिन सभी ने भारी मात्रा में हीरे-जवाहरात उठा रखे थे और उनके साथ उनकी रक्षा के लिए 40 अरबी योद्धा थे। जब सुलतान ने अगले दिन यह सब देखा तो वह भौचक्का रह गया। उसने कभी कल्पना भी नहीं की थी कि ऐसी दौलत धरती पर मौजूद भी होगी। लेकिन जब वह अलादीन को अपनी बेटी के वर के रूप में स्वीकार करने ही वाला था कि ईर्ष्यालु सेनापति ने एक सवाल खड़ा कर दिया।
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अलादीन के कारनामें; भाग II अंग्रेजी में
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